डकैत दादा से डरता था पूरा चंबल, अब पोता बना IAS अफसर

ग्वालियर के देव तोमर ने यूपीएससी क्वालीफाई कर लिया है। देव को यूपीएससी में 629वीं रैंक हासिल हुई है। देव की मानें तो उनका यह आखिरी अटेम्प्ट था और उन्होंने इसे क्लियर कर लिया। देव तोमर की खास बात यह है कि इनके दादा रामगोविंद सिंह तोमर चंबल में बागी होकर डकैत बन गए थे। उनके नाम से कभी चंबल थराता था। लेकिन देव के पिता बलबीर सिंह तोमर ने पढ़ाई की। उन्होंने संस्कृत में पीएचडी की और प्रिंसिपल बने और अपने बेटे देव को भी पढ़ाया लिखाया और इस वजह से आज देव तोमर ने यह मुकाम हासिल किया है। 

देव तोमर अपनी सफलता से खुश है। देव कहते है कि “इसमें मैंने अपनी पूरी जी जान ठोक दी और आखिरी वाले प्रयास में हुआ है। इस जर्नी में मैंने तीन बार इंटरव्यू दिए हैं। तो हर बार मैं आखिरी चरण पे आके रह जाता था। तो मन में थोड़ी सी वो मलाल रह जाती थी कि आखिरी चरण तक पहुंच रहे हैं फिर भी नहीं हो पा रहा है। तो जब फाइनली तीसरे इंटरव्यू में जब फाइनल लिस्ट में नाम देखा तो बहुत ज्यादा खुशी हुई।” 

देव तोमर का परिवार मूल रूप से मुरैना का रहने वाला है। देव के पिता बलबीर सिंह तोमर की मानें तो उनका बेटा अपने लक्ष्य को लेकर पहले से ही सजग था। लिहाजा उसे ये सफलता हासिल हुई। देव के माता-पिता अपने बेटे की सफलता से काफी खुश हैं। 

देव पहले नीदरलैंड में Philips कंपनी के हेड क्वार्टर में 88 लाख सालाना के पैकेज पर साइंटिस्ट के तौर पर काम कर रहे थे। आईआईटी से पास होने के बाद उन्होंने 2019 से नौकरी के साथ ही यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी। अब जाकर देव तोमर को सफलता मिली है।

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