पहलगाम में हुए आतंकी हमले से जुड़ी हुई कई अहम जानकारियां अब एक-एक करके सामने आने लगी हैं। सबसे पहले तो आतंकियों की पहचान सामने आई है। जिसमें बताया यह जा रहा है कि जो चार आतंकी हमलावर थे, उनमें से तीन पाकिस्तानी और एक लोकल था। आतंकियों ने दो तरह की बंदूकों का इस्तेमाल किया जिसमें AK-47 और M4 राइफल शामिल है। यह दावा उस आधार पर किया जा रहा है जहां घटना स्थल से कार्टेज बरामद किए गए हैं और इन्हीं दोनों हथियारों का इस्तेमाल ऐसा लगता है कि पहलगाम के आतंकियों ने किया है।
जो लोकल आतंकी यहां मौजूद था वो आदिल ठोकर के रूप में पहचाना गया है। जिसने हिजबुल मुजाहदीन को साल 2018 में जॉइन कर लिया था। यह वैध दस्तावेज पर पहले पाकिस्तान गया और फिर इसने हिजबुल मुजाहिदीन को जॉइन किया। उसके बाद उसने हिजबुल मुजाहदीन को छोड़कर लश्कर तैबा की ट्रेनिंग हासिल की। इसके बाद बताया जाता है कि वो छिपछिपाकर वो वैली के अंदर साल 2024 में दाखिल हो गया। इसके बाद आदिल ठोकर लगातार पाकिस्तानी आतंकियों को लॉजिस्टिक दिलवा रहा है और तो और वो उनके गाइड के रूप में काम कर रहा है।
आतंकी हमला करने के लिए पहलगाम के बैसरेन घाटी में आए। आतंकियों के बारे में यह भी जानकारी सामने आई है कि वह कोकरनाग के जंगलों से पैदल चलते हुए बैसरेन तक पहुंचे थे। तकरीबन उन्हें कोकरना से बैसरनैन तक पहुंचने में 20 से 22 घंटे का वक्त लगा। वहीं बताया यह जा रहा है कि जो चार आतंकी सामने आए थे उनमें से दो आतंकी बाई ओर से सामने आए और इसके अलावा दो आतंकी जिप लाइन की तरफ से दुकानों की तरफ से सामने आए।
यानी कि कुल मिलाकर इन्होंने पूरी तरह से रेकी किया हुआ था और इन्हें मालूम था कि किस तरह से घेराबंदी की जा सकती है और जैसे ही मौकाए वारदात पर यह आतंकी पहुंचते हैं उसके बाद लोगों की पहचान करनी शुरू कर देते हैं और लोगों को चुन-चुन कर मारते हैं। बताया जाता है कि ज्यादातर मारे गए लोगों के माथे पर गोली के निशान हैं। यानी कि उनको जीरो पॉइंट पर रखकर गोली मारी गई है। यानी कि जो बात पहचान की की जा रही है, वह पहले उन्हें पहचाना गया है और फिर उन्हें मारा गया है।
वहीं इस घटना से जुड़ी हुई जानकारी यह भी सामने आई है दो फोन इन्होंने छीने थे, जिनमें से एक फोन लोकल व्यक्ति का था और दूसरा फोन एक पर्यटक का था। जिस तरह से इस आतंकी हमले को अंजाम दिया गया। उसके बाद से पूरे देश में गुस्सा भरा हुआ है। पूरी दुनिया ने भारत का समर्थन किया है और हर किसी को अब यही आभास है कि भारत जल्द से जल्द इस घटना में कोई कड़ी कारवाई करेगा। लेकिन जिस तरह से आतंकियों के पास से एम4 राइफल की मौजूदगी की बात सामने आई है। उससे एक बात साफ है कि यह वही हथियार हैं जो अमेरिका अफगानिस्तान में छोड़कर गया था। और फिर बाद में अफगानिस्तान से आईएसआई ने यह बंदूके खरीदी और फिर इन्हीं बंदूकों को पाकिस्तानी आतंकियों के हाथ में दिया गया जिसके जरिए भारत में यह दहशतगर्दी की जा रही है।