शुक्रवार को करें ये 3 काम, धन की आवक बनी रहेगी

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By Shyam Dangi

शुक्रवार के दिन ऐसे कौन से तीन कार्य करें ताकि आपको धन की कमी ना रहे। धन आपके पास आता रहे? देखिए सभी को धन की आवश्यकता होती है। जीवन में धन जरूरी है जीवन जीने के लिए। लेकिन सब पर मां लक्ष्मी की कृपा नहीं होती। तो हम ऐसे कौन से कार्य करें ताकि मां लक्ष्मी की कृपा हम पर बने और धन की कमी हमें ना रहे। आइए उज्जैन के रहने वाले ज्योतिषी एवं पंडित अंशुल द्विवेदी से जानते हैं क्या करना है आपको? 

ये तीन उपाय शुक्रवार को कीजिये 

पहला उपाय 

शुक्रवार के दिन सूर्योदय से पहले उठिए। पूरे घर की अच्छे तरीके से सफाई करें। और स्नान करके साफ सुथरे वस्त्र धारण करें। ऐसे वस्त्र ना पहने जिनको आप एक दिन पहले पहन चुके। धुले हुए वस्त्र ही पहने। जो वस्त्र धुल चुके हैं उन्हीं को पहनिएगा। बिना धुले वस्त्र ना पहने। कई बार होता है ना जिन वस्त्रों को हमने एक बार पहना अभी गंदे नहीं हुए अगले दिन फिर पहन लेते हैं उन्हीं को। तो शुक्रवार के दिन ऐसा मत करिएगा। जो भी वस्त्र पहनेंगे धुले हुए वस्त्र ही धारण करें। और अपने घर के मंदिर की अच्छे तरीके से सफाई करें। मां लक्ष्मी को पुष्प अर्पित करें। अक्षत अर्पित करें। तिलक लगाएं। मां लक्ष्मी की आरती करें और प्रार्थना करें कि धन की कमी ना हो। फल और दूध का भोग मां लक्ष्मी को लगाएं।

दूसरा उपाय

शाम के समय घर के मुख्य द्वार में एक घी का दीपक जलाएं। जो मुख्य द्वार होता है उसके साइड में। एक लीजिए मिट्टी का दिया उसमें रुई बना करके एक घी का दीपक मुख्य द्वार में जलाएं और शाम के समय अपने घर में मां लक्ष्मी की एक बार फिर से पूजा करें। 

तीसरा उपाय

मां लक्ष्मी को खीर का भोग चढ़ाएं। मां लक्ष्मी की आरती करें और मां लक्ष्मी से फिर से प्रार्थना करें कि धन की कमी ना रहे। मां लक्ष्मी की कृपा आपको प्राप्त हो और जो खीर का भोग प्रसाद के रूप में सात दोने में रखें और सात कन्याओं को दे दें जो आपके आसपोस में हो। 

यह उपाय आप हर शुक्रवार के दिन करना शुरू करिए। तीन जो आपको काम बताए हैं इनको करते रहिएगा। मां लक्ष्मी की कृपा से निरंतर धन बढ़ता चला जाएगा। 

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था का भागीदार भी हूँ। इसे बदलने का एक तलबगार भी हूँ।। दीवाना ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे का यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 18 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)