पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने कड़ा कदम उठाया है और सिंधु जल समझौता आंशिक रूप से निलंबित कर दिया। सरकार के इस फैसले के बाद अब भारत में ही इसे लेकर आवाजें उठने लगी हैं। इस फैसले पर भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि पानी पर सभी का अधिकार है चाहे वह किसान भारत का हो या पाकिस्तान का। आतंकवाद के लिए केवल पाकिस्तान ही नहीं बल्कि भारत सरकार की नीतियां भी जिम्मेदार हो सकती हैं। टिकैत के इस बयान के बाद भारत की राजनीति में मानो हड़कंप मच गया है।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने टिकैत के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग सरकार का विरोध करते-करते देश का विरोध करने लगे हैं। जिन्होंने निर्दोषों का खून बहाया जो उनकी मौत के लिए जिम्मेदार हैंउन्हें पानी नहीं देंगे। टिकैत के बयान पर जब हंगामा शुरू हो गया तो उन्होंने यू टर्न लेते हुए कहा मेरी बातों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है। हम भारत के साथ हैं और आगे भी साथ ही रहेंगे।
नरेश टिकैत ने कहा कि हमारी बात तो तरोड़ मरोड़ के पेश करी जा रही है ना तो किसी ने वो सारी वीडियो दिखाई। भाई हम तो भारत के साथ है पहले तो साथ रहते आई अब भी साथ है। और आगे भी साथ रहेंगे। इस तरह की वो नहीं बात किसी को कुछ या महसूस हुई होगी उसके लिए हम खेद जतावे ऐसी नहीं कोई बात है।
दरअसल 22 अप्रैल को पहलगांव में आतंकी हमले में करीब 26 लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले के बाद पूरे भारत के लोग आक्रोश में हैं। लेकिन इसी दौरान नरेश टिकैत ने बयान दिया था कि पहलगाम हमले का पूरी दुनिया विरोध कर रही है। पाकिस्तान के इस हमले में भूमिका पर कहा कि पूरा पाकिस्तान तो दोषी नहीं है। जिस भी समाज में इस तरह के लोग हैं उन पर अंकुश लगना चाहिए।
फिलहाल नरेश टिकैत ने अपने बयान पर सफाई देते हुए यूटर्न ले लिया है। आपको बता दें कि सिंधु जल समझौता 1960 में हुआ था। जिससे भारत पाकिस्तान के बीच जल वितरण को लेकर नियम तय किए गए थे। लेकिन आतंकी हमलों के चलते अब सरकार इस पर पुनर्विचार कर रही है।