पाकिस्तान के 5 परमाणु अड्डों का हुआ खुलासा, खुल गई सारी पोल पट्टी!

भारत, पाकिस्तान और चीन इन तीनों ही देशों के पास परमाणु हथियार हैं। लेकिन जितना जिम्मेदार भारत और चीन को समझा जाता है उतना पाकिस्तान को नहीं। क्योंकि पाकिस्तान की नीति और नियत में आतंकवाद परस्ती है। और आतंकवाद परस्ती जिस मुल्क की नीति हो, जिस मुल्क का नियत हो। उस देश के पास परमाणु हथियार हो तो किसी बड़े खतरे से कम नहीं है। 

अब देखिए सिप्री की रिपोर्ट कहती है कि भारत के पास 172 पाकिस्तान के पास 170 और चीन के पास 500 न्यूक्लियर वॉरट है इसी रिपोर्ट में ये सामने आया कि पाकिस्तान के न्यूक्लियर हथियारों का ठिकाना कहां-कहां है। और वहां किस तरह का काम होता है। 11 सितंबर 2023 को प्रकाशित बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि पाकिस्तान ने अपने परमाणु हथियार को ले जाने में सक्षम छोटी और लंबी दूरी की मिसाइलों को देश के विभिन्न रणनीतिक क्षेत्रों में तैनात कर दिया है। 

अगर हम लोकेशन की बात करें कि कहां-कहां पाकिस्तान के परमाणु हथियार मौजूद है तो उसमें ओको मिलिट्री बेस का नाम आता है। जो सिंध में है और हैदराबाद से 18 कि.मी उत्तर और भारतीय सीमा से 145 कि.मी दूर है। यह ठिकाना विशेष रूप से मिसाइलों को रखने और लॉन्च करने के लिए डिजाइन किया गया है। यहां छह मिसाइलें गैराज मौजूद हैं जो 12 लांचरों को संभालने में सक्षम है। रिपोर्ट यह भी कहती है कि 2004 से इस सैन्य बेस का विस्तार किया जा रहा है और सेटेलाइट इमेजों के विश्लेषण से यह सामने आया कि यहां बाबर क्रूज मिसाइल हथियार सिस्टम के लिए पांच ट्रांसपोर्टर इरेक्टर लॉन्चर्स तैनात किए गए हैं। 

बाबर मिसाइल की मारक क्षमता 450 से 700 कि.मी है और पाकिस्तान इसे समुद्र से लॉन्च करने के लिए भी तैयार कर रहा है। वहीं गुजरावाला मिलिट्री बेस में भी पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार की जानकारी है। बताया जाता है कि ये सबसे बड़ा सैन्य परिसर है जो पंजाब प्रांत के उत्तरपूर्वी हिस्से में स्थित है। यह 30 कि.मी क्षेत्र में फैला है और भारतीय सीमा से महज 60 कि.मी की दूरी पर है। सैटेलाइट इमेज से पता चलता है यहां छोटी दूरी की मिसाइलों के लिए मिसाइल लांचर तैनात हैं। 

वहीं खुजदार भी एक ऐसा इलाका है जो बलूचिस्तान प्रांत के सक्कर में है। ये यहां से लगभग 220 कि.मी पश्चिम में स्थित है और यह भारत की सीमा से सबसे दूर स्थित मिसाइल ठिकानों में से एक है। इस ठिकाने पर भी परमाणु हथियार को सुरक्षित रखने के लिए भूमिगत गोदाम बनाए जाने का दावा किया जाता है। सेटेलाइट तस्वीरों से अनुमान लगता है कि यहां गौरिया शाहीन 2 मिसाइलों के लिए लॉन्चर्स हैं वहीं पानो अखिल सैन्य ठिकाना भी सिंध प्रांत में भारतीय सीमा से लगभग 60 कि.मी दूर है यहां भी मिसाइल लॉन्चरों के लिए गैरेज और ट्रांसपोर्टर इरेक्टर लॉन्चर्स की सुविधा मौजूद है। 

इन तस्वीरों से यह पता चलता है कि यह स्थल बाबर और शाहीन वन मिसाइलों के संचालन के लिए इस्तेमाल होता है। वहीं सरगोधा पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। 1983 1990 के बीच पाकिस्तान ने यहां स्थित किराना हिल्स के एक विशाल सैन्य परिसर का इस्तेमाल किया। जब इस परिसर में 10 ट्रांसपोर्टर इरेक्टर लांचर गैराज और दो अन्य गैराज बनाए गए इसके बाद इन लांचरों के रखरखाव और मरम्मत के लिए इसे इस्तेमाल किया जाने लगा। यह ठिकाना पाकिस्तान के न्यूक्लियर प्रोग्राम के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण केंद्र है और यहां विभिन्न बैलेस्टिक और क्रूज मिसाइलों का परीक्षण और विकास किया जाता है।

पाकिस्तान के पास इस तरह के हथियार इन सैन्य ठिकानों में मौजूद है और ये हर किसी को मालूम है कि पाकिस्तान में कहीं भी और कभी भी आतंकी हमला हो जाता है। आतंकी किस तरह से पाकिस्तानी क्षेत्र में कंट्रोल करते हैं उससे यह बात साफ है कि किसी भी दिन पाकिस्तानी आतंकियों के हाथ में यह परमाणु हथियार लग सकते हैं। ऐसे में भारत को लेकर सैन्य एक्सपर्ट ये दावा कर रहे हैं कि भारत कोई बड़ा रणनीतिक कदम उठाते हुए कोई बड़ी सैन्य कार्रवाही भी पाकिस्तान के खिलाफ कर सकता है। तो ऐसे में सवाल उठता है तो क्या पाकिस्तान के इन बेस पर भारत कोई बड़ा हमला प्लान कर सकता है। 

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मैं एक लेखक जो अपनी कलम से विचारों को साकार करता है। मुझे लगता है कि शब्दों में वो जादू है जो समाज को बदल सकता है, और यही मेरा मकसद है - सही बात को सही ढंग से लोगों तक पहुँचाना। मेरे लिए हर कहानी, हर विचार एक मौका है दुनिया को कुछ नया देने का।

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