भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। इस चरम तनाव के बीच एक तरफ जहां पाकिस्तान भारत को गीदड़ भपकी दे रहा है तो दूसरी तरफ पाकिस्तान के पीएम दोस्ती के बोल भी बोल रहे हैं। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का कहना है हम निष्पक्ष जांच को तैयार हैं। पहलगाम हमले में पाकिस्तान की भूमिका जांची जा सकती है इसके लिए शहबाज शरीफ राजी हैं। लेकिन दूसरी तरफ सिंधु जल समझौते को रद्द करने के बाद से पाकिस्तान बिलबिला भी रहा है और अब तो पाकिस्तान दौड़ कर चीन के पास पहुंच गया है मदद मांग रहा है।
भारत के पहलगाम पर हुए हमले के बाद चीन ने इस पूरे हमले की निंदा करते हुए कहा था कि इस तरह के आतंकवादी गतिविधि बिल्कुल गलत है और जिन लोगों की इस हमले में जान गई है जो घायल हुए हैं उनके प्रति चीन अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता है। हालांकि चीन का यह बयान बहुत सादा था लेकिन चीन को इस घटना की निंदा करनी पड़ी यह जानते हुए कि इस हमले में पाकिस्तान का हाथ है। उसके बावजूद भी चीन को इसलिए निंदा करनी पड़ी क्योंकि दुनिया के तमाम देश भारत के साथ आ खड़े हुए और अब चीन और पाकिस्तान की बैठकों का दौर शुरू हो चुका है। पाकिस्तान में मौजूद चीनी दूतावास के राजदूत जियांग जयदगोंग ने पाकिस्तानी डिपुटी प्राइम मिनिस्टर और विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार से मुलाकात की है इस बैठक की तस्वीरें देखिए यह दोनों देश कैसे आपस में एक दूसरे के साथ मुस्कुरा कर हाथ मिलाकर बात कर रहे हैं।

ऐसा लग रहा है कि दोनों ने किसी मकसद के साथ यह मुलाकात की और उनका मकसद पूरा हो गया। इस दौरान जो जानकारी पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने दी है वह यह कि यह मुलाकात हुई है, इसकी यह तस्वीरें जारी की गई हैं इसके साथ ही लिखा गया है कि दोनों ने ही मुलाकात में यह तय किया कि जो हमारी ऑल वेदर स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप है उसको हम लगातार मजबूत बनाए रखेंगे और दोनों पक्ष ने आपस में जो मौजूदा क्षेत्रीय हालात हैं उसको लेकर बातचीत की है और अपने विचार आदानप्रदान किए हैं। दोनों ही देशों के बीच यह तय हुआ है कि दोनों देश लगातार आपस में बातचीत करते रहेंगे और एक दूसरे से जानकारी साझा करते रहेंगे।
जाहिर तौर पर पाकिस्तान चीन से इस वक्त मदद चाहता है कि अगर भारत कोई कठोर कार्रवाई कर दे या उसके खिलाफ किसी सैन्य कारवाही में भारत उतर आए तो उसे किसी ना किसी की जरूरत होगी और ऐसे वक्त में जब पूरी दुनिया भारत के साथ खड़ी है और भारत से कह रही है कि भारत को उनका पूरा समर्थन है और भारत को इन आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। ऐसे में पाकिस्तान को चीन कितना समर्थन देगा यह देखना दिलचस्प होगा। क्या चीन अपने हथियार भारत के खिलाफ इस्तेमाल होने देगा अगर ऐसा होगा तो चीन को भी मालूम है कि भारत के साथ जो उसके रिश्ते कुछ वक्त पहले से ठीक होने लगे हैं वह भी बिगड़ जाएंगे।