मुकेश अंबानी की Reliance Industries अब अपने न्यू एनर्जी और बैटरी प्रोडक्शन में भारी निवेश करने जा रही है। कंपनी ने हाल ही में अपने वित्तीय वर्ष 2025 की रिपोर्ट में यह जानकारी दी। कंपनी का कहना है कि वह कुल मिलाकर ₹1.5 लाख करोड़ का निवेश करने वाली है। Reliance Industries का लक्ष्य अपने एनर्जी बिजनेस को और भी ज्यादा मजबूत बनाना है। मुकेश अंबानी ने इस बारे में कहा कि हमें न्यू एनर्जी और बैटरी परियोजनाओं के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया है और आने वाले क्वार्टर्स में यह बिजनेस ऑपरेशनल फेस में पहुंचेगा।
Reliance का विश्वास है कि इस न्यू एनर्जी सेक्टर से ना केवल कंपनी को बल्कि देश और दुनिया के लिए भी जबरदस्त वेल्थ क्रिएशन होगा। कंपनी का लक्ष्य 2026 तक सोलर एनर्जी और बैटरी निर्माण में 10 गीगावाट की क्षमता हासिल करना है। और इसके साथ ही Reliance के सीएफओ वी श्रीकांत ने भी बताया कि न्यू एनर्जी परियोजनाओं के लिए 75,000 करोड़ का निवेश लक्ष्य पहले ही लगभग पूरा हो चुका है।
Reliance का बैटरी प्रोडक्शन और सोलर एनर्जी के क्षेत्र में भी विस्तार करने का प्लान है। Reliance ने अपने बैटरी प्रोडक्शन योजनाओं को भी तेज कर दिया है। कंपनी अब लिथियम आयरन फास्फेट तकनीक पर काम कर रही है और 2026 तक बैटरी पैक निर्माण शुरू करने की योजना भी बना रही है। इस कोशिश से Reliance 30 गीगावाट की बैटरी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता हासिल कर सकती है।
इसके अलावा कंपनी ने गुजरात के कच्छ क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सोलर एनर्जी परियोजनाएं शुरू की है। यहां पर सोलर पैनल्स के जरिए हर साल लगभग 150 अरब यूनिट बिजली प्रोडक्शन का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही कांडला में ग्रीन हाइड्रोजन प्रोडक्शन के लिए कंपनी ने 2000 एकड़ भूमि का अधिग्रह भी किया है। वैसे Reliance का टारगेट है पूरी वैल्यू चेन का एकाकीकरण करना। यानी Reliance का फोकस पूरी वैल्यू चेन यानी सोलर एनर्जी से लेकर बैटरी प्रोडक्शन और ग्रीन हाइड्रोजन प्रोडक्शन तक इस पूरी चेन को एकीकृत करने पर है। कंपनी का दावा है कि उसका सौर उत्पादन कॉम्प्लेक्स 5000 एकड़ में फैला हुआ है। जहां पर अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।
इसके साथ ही Reliance का सोलर मॉड्यूल इंपोर्ट किए गए ऑप्शंस से कहीं ज्यादा सस्ता होगा। Reliance का मानना है कि आने वाले सालों में न्यू एनर्जी से जुड़े कारोबार उसका पारंपरिक ऑयल टू केमिकल्स बिजनेस के बराबर मुनाफा पैदा करेगा। 2029 से 2031 के बीच यह कारोबार नेट प्रॉफिट में 50% से ज्यादा का योगदान दे सकता है। इसके साथ ही कंपनी ने अपने कंप्रेस बायोगैस कारोबार को भी तेजी से बढ़ाने की योजना बनाई है। जिससे क्लीन एनर्जी प्रोडक्शन को बढ़ावा मिलेगा।
कुल मिलाकर Reliance Industries LED का यह निवेश और ऊर्जा क्षेत्र में विस्तार एक अहम कदम साबित हो सकता है। ना केवल कंपनी के लिए बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है। अगर यह योजनाएं सफल हो जाती हैं तो Reliance भविष्य में एक बड़ी एनर्जी प्लेयर बनकर सामने आ सकती है जो ना केवल देश में बल्कि ग्लोबल लेवल पर भी एक कंपटीशन पैदा कर देगी। कंपनी ने जो योजना बनाई है उससे यह उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले सालों में Reliance एनर्जी सेक्टर में महत्वपूर्ण जगह बना सकती है और देश की एनर्जी सिक्योरिटी में एक अहम योगदान भी दे सकती है।