MP सरकार फिर ले रही है हजारों करोड़ की कर्ज, कर्ज के मामले में बढ़ता जा रहा है रैंक

मध्य प्रदेश सरकार एक बार फिर कर्ज लेने जा रही है। इस बार कर्ज की राशि ₹5000 करोड़ होगी। केंद्र सरकार से मध्य प्रदेश सरकार इस बार दो किस्तों में कर्ज लेगी। इसको लेकर के जो प्रक्रिया है वह जारी है। 6 मई को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के साथ कागजी कारवाई पूरी होगी। फिर 7 मई को भुगतान किया जाएगा। वित्त विभाग की तरफ से जारी अनुशंसा के अनुसार दोनों कर्ज लंबे अवधि के होंगे।

पहली किस्त ₹2500 करोड़ की है जिसे 12 साल की अवधि के लिए लिया जाएगा। इसका भुगतान 7 मई 2037 को किया जाएगा। वहीं दूसरी किस्त भी ₹2500 करोड़ की है जो 14 साल की अवधि के लिए होगी और इसे 7 मई 2039 को चुकाया जाएगा। दरअसल बीते वित्तीय वर्ष 2024 से 25 में सरकार ने कुल ₹61400 करोड़ का कर्ज लिया था। इसमें से अकेले मार्च महीने में ही ₹400 करोड़ का कर्ज उठाया गया था जो किसी भी एक माह में लिया गया सर्वाधिक कर्ज है।

अगर वित्तीय वर्ष 2024 से 25 के आंकड़ों पर नजर डालें तो सरकार ने 27 दिसंबर को ₹5000 करोड़ 21 नवंबर को ₹5000 करोड़ 3 अक्टूबर को ₹5000 करोड़ 19 सितंबर ₹5000 करोड़ 22 अगस्त ₹5000 करोड़ 1 अगस्त ₹5000 करोड़ 13 फरवरी ₹6000 करोड़ 4 मार्च ₹6000 करोड़ 11 मार्च को ₹4000 करोड़ 19 मार्च को ₹6000 करोड़ 25 मार्च को ₹4400 करोड़ लिए सरकार पिछले वित्तीय वर्ष में 64,000 करोड़ का कर्ज ले सकती थी।

लेकिन सरकार ने 61400 करोड़ का कर्ज लिया। आपको बता दें कि एमपी में देश के कुल कर्ज का 5% कर्ज है। देश पर कुल 939317 करोड़ का कर्ज है। जबकि एमपी पर 48976 करोड़ का कर्ज है। कर्ज के मामले में एमपी देश में नौवें नंबर पर है। 31 मार्च 2024 को एमपी पर 37500 करोड़ का कर्ज था। एमपी सरकार को साल 2025-26 में सिर्फ ब्याज चुकाने में ही करीब ₹29,000 करोड़ खर्च करनी पड़ेगी। 

एमपी सरकार के कर्ज लेने को लेकर के कांग्रेस हमलावर है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि राज्य सरकार जो है एमपी को कर्जदार बना रही है। जबकि सरकार का तर्क है कि जब विकास करेंगे तो कर्ज तो लेना पड़ेगा और इससे सरकार की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि राज्य में निवेश का माहौल बन रहा है और निवेशक आ रहे हैं राज्य में तो फंड की कोई कमी नहीं होगी।

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