प्रेरणादायक है UPSC में इतिहास रचने वाली सौम्या मिश्रा की ज़िन्दगी 

शाहरुख खान की फिल्म ओम शांति ओम का एक बड़ा ही फेमस डायलॉग है कि “किसी चीज को अगर शिद्दत से चाहो तो पूरी कायनात तुम्हें उससे मिलाने में जुट जाती है” इसी शिद्दत को आप में से कई लोगों ने हकीकत में बदलते देखा होगा और यकीनन जब वो आपकी इच्छा पूरी हुई होगी या जब वो आपको हासिल हुआ होगा तो आपके पांव जमीन पर टिके नहीं होंगे। 

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कुछ ऐसा ही हुआ मिर्जापुर की एसडीएम सौम्या मिश्रा के साथ जब उन्हें पता चला कि यूपीएससी में 18वीं रैंक लाकर ना सिर्फ उन्होंने अकेले बल्कि अपनी छोटी बहन के साथ मिलकर माता-पिता का सपना पूरा कर दिखाया। उनकी आंखें इस दौरान खुशी के आंसुओं से छलक उठी जिसे वो छिपा नहीं सकी। सौम्या मिश्रा के चेहरे की मुस्कान और भीगी हुई पलकें गवाह हैं उस पल की जिस पल के लिए उन्होंने सालों खुद को तपाया है। यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल है। वायरल है एक पिता और उनकी बेटियों का वो सपना जिसे उन्होंने खुली आंखों से देख पूरा भी किया कैसे दो बहनों ने अपनी मेहनत से किया पिता का सिर गर्व से ऊंचा कैसे उन्नाव से दिल्ली और फिर मिर्ज़ापुर पहुंची। 

यकीनन आप में से बहुत से लोगों ने Amazon प्राइम की वेब सीरीज मिर्जापुर जरूर देखी होगी। शायद आप में से कई लोगों ने मिर्ज़ापुर का नाम भी इस वेब सीरीज से पहले सुना ना हो सीरीज के बाद से ही मिर्जापुर इतना फेमस हो गया। वैसे इन दिनों मिर्जापुर एसडीएम सौम्या मिश्रा के चलते चर्चा में बना हुआ है। यूपीएससी ने 2025 में अब जब फाइनल रिजल्ट जारी किया तो इस रिजल्ट में मणिहान तहसील में तैनात एसडीएम सौम्या मिश्रा ने 18वीं रैंक हासिल कर पिता का सर गर्व से ऊंचा कर दिया

यह काम ना सिर्फ सौम्या ने किया बल्कि उनकी छोटी बहन ने भी किया। सौम्या की छोटी बहन सुमेधा मिश्रा ने भी दूसरे अटेम्प्ट में इस एग्जाम में 253 रैंक हासिल की है। परिवार में इस दोहरी सफलता को लेकर खुशी का माहौल है। यह सब तब हुआ जब सौम्या मडिन एसडीएम कोर्ट में अपने काम में बिजी थी, तभी उन्हें बहन सुमेधा का फोन आया सुमेधा ने जब बताया कि दोनों बहनों ने यूपीएससी पास कर ली है तो कोर्ट में ही सौम्या की आंखें खुशी से नम हो गई। यह पल उनके जीवन का सबसे यादगार पल बन गया। सौम्या मिश्रा का यूपीएससी के लिए चौथा यह अटेमप्ट था जिसमें उन्हें सफलता मिली।  

इस बारे में सौम्या ने कहा की “शुरुआत ऐसे हुई कि मेरे जो पिताजी विलेज डेवलपमेंट ऑफिसर थे, वो कभी न्यू ट्रेनी आईएएस ऑफिसर्स की कहानियां बताते थे, तो वो हमेशा बताते थे कि दे आर वेरी गुड एंड दे वांट टू डू गुड वर्क फॉर द पीपल। तो यहां से इंस्पिरेशन मिली मैंने कभी पीसीएस के लिए अलग से कोई तैयारी नहीं करी थी। यूपीएससी के लिए ही तैयारी किया था उसी तैयारी के साथ मैंने अपना अटेम्प्ट दिया था, यह सेकंड अटेम्प्ट में इंटरव्यू था मेरा यूपीएससी का ही उसके बाद पीसीएस का मेंस लिखा था तो उसमें मेरी सेकंड रैंक थी।”

सौम्या अपने दूसरे अटेम्प्ट में इंटरव्यू में फेल हो गई थी और तीसरे अटेम्प्ट में प्रीलिम्स भी क्लियर नहीं हुआ था हालांकि चौथे अटेम्प्ट में वह कामयाब हुई। इससे पहले उन्हें एसडीएम न्यायिक की पोस्ट मिली हुई थी जहां काम के साथ समय भी मिल जाता था और इसी दौरान सौम्या ने अपनी पढ़ाई पूरी की। इसी दौरान सौम्या ने इस यूपीएससी को पास करने के लिए अपनी तैयारी शुरू की थी। 

सौम्या ने इस मुकाम को हासिल करने के लिए सालों खुद को तपाया और तैयार किया तब जाकर उन्हें यह मुकाम हासिल हुआ। सौम्या का हमेशा से ही सपना आईएएस बनने का था, लेकिन 2021 में पीसीएस का एग्जाम देकर वो एसडीएम बन गई। हालांकि इसके लिए उन्होंने यूपीएससी के अलावा कोई और तैयारी नहीं की थी। 

सौम्या मिश्रा का परिवार मूल रूप से उन्नाव का रहने वाला है। सौम्या के पिता राघवेंद्र मिश्रा की नौकरी के चलते परिवार 1997 में गांव से दिल्ली आकर फंस गया इसके बाद यहीं का होकर रह गया हालांकि गांव की मिट्टी और आबोहवा उन्हें हमेशा याद आती है। जानकारी के मुताबिक सौम्या के पिता दिल्ली के गवर्नमेंट बॉय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में लेक्चरर हैं। सौम्या का एक छोटा भाई है और बहन भी है, और सौम्या की मां रेनू एक होममेकर हैं। 

सौम्या की ज्यादातर पढ़ाई दिल्ली में ही पूरी हुई। उन्होंने दिल्ली में राजकीय प्रतिभा विद्यालय यमुना बिहार में 12वीं तक की पढ़ाई की। इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के किरोड़ीमल कॉलेज से ज्योग्राफी में ग्रेजुएशन किया, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में ज्योग्राफी से मास्टर्स की डिग्री भी हासिल की और उसमें वो गोल्ड मेडलिस्ट भी रही। अब यूपीएससी एग्जाम में 18वीं रैंक हासिल करने के बाद सौम्या मिश्रा का एसडीएम से डीएम बनने का सफर शुरू हो चुका है। 

बता दें कि यूपीएससी द्वारा भारतीय प्रशासनिक सेवा यानी आईएएस, भारतीय विदेश सेवा यानी आईएफएस और भारतीय पुलिस सेवा यानी आईपीएस के अधिकारियों का चयन करने के लिए हर साल तीन चरणों प्रीलिम्स मेंस और इंटरव्यू होते हैं। यूपीएससी प्रीलिम्स एग्जाम पिछले साल 16 जून को आयोजित हुए थे, सितंबर 2024 मेंस का एग्जाम हुआ और फिर इसके बाद इंटरव्यू्यूज हुए। इस इंटरव्यू्यूज में 109 अभ्यर्थियों ने इस एग्जाम को पास किया। जिसमें 725 पुरुष और 284 महिलाएं पास हुई।

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मैं एक लेखक जो अपनी कलम से विचारों को साकार करता है। मुझे लगता है कि शब्दों में वो जादू है जो समाज को बदल सकता है, और यही मेरा मकसद है - सही बात को सही ढंग से लोगों तक पहुँचाना। मेरे लिए हर कहानी, हर विचार एक मौका है दुनिया को कुछ नया देने का।

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