मध्यप्रदेश सरकार का बड़ा फैसला, इन किसानों की MSP पर नहीं बिकेगी फसल, ना किसान सम्मान निधि के रूपए

मध्य प्रदेश में वो किसान जो नरवाई को जला देते हैं उनके लिए अच्छी खबर नहीं है। ऐसे किसान जो खेती के बाद निकलने वाली जो नरवाई होती है जिसे पराली भी कहते हैं उसको जला देते हैं उनको भारी नुकसान हो सकता है। ऐसे किसानो को फसल का एमएसपी दाम नहीं मिलेगा बल्कि किसान सम्मान निधि की राशि भी रोकी जा सकती है। यह फैसला मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने लिया है। 

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में राजस्व विभाग की बैठक की थी और इस बैठक में तमाम आला अधिकारी मौजूद रहे। यह बैठक काफी हाई प्रोफाइल मानी गई। इसमें कई सारे महत्वपूर्ण फैसले लिए गए जो कि किसानों से जुड़े हुए हैं। जिसमें से एक फैसले के मुताबिक मध्य प्रदेश में अब नरवाई जलाने वाले किसानों को एमएसपी यानी कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल वह नहीं बेच पाएंगे। ऐसे किसानों को मध्य प्रदेश सरकार की ओर से सालाना मिलने वाली सीएम किसान सम्मान निधि के ₹6000 भी नहीं मिलेंगे। राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक में यह बड़ा फैसला लिया गया है। 

यह फैसला 1 मई से पूरे प्रदेश में लागू हो जाएगा। यानी कि 1 मई से अगर कोई भी किसान नरवाई अपने खेत में जलाता है तो ना तो वह अपनी फसल एमएसपी पर बेच पाएगा ना ही उसे किसान सम्मान निधि का का लाभ जो कि ₹6000 राशि प्रदेश सरकार की तरफ से मिलती है, ना ही वह मिल पाएगी। 

नरवाई जलाने से पर्यावरण को नुकसान होता है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश कृषि आधारित राज्य है। फसल की कटाई के बाद खेतों में नरवाई जलाने के मामलों में बढ़ोतरी होने से वायु प्रदूषण सहित दूसरे प्रकार के पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है। उन्होंने यह भी कहा कि खेत में आग लगने से जमीन में उपलब्ध पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। जमीन की उर्वरक क्षमता में भी गिरावट आती है। इसके लिए राज्य सरकार पहले ही नरवाई जलाने पर प्रतिबंध लगा चुकी है।

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वर्ष 2007 में जबलपुर रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में पोस्‍ट ग्रैजुएट डिप्‍लोमा किया है। अध्‍ययन के बाद मैंने जबलपुर में एक इलेक्ट्रॉनिक मीडिया संस्थान में लम्बे समय तक कार्य किया। वर्तमान में मैं न्यूज़ मध्य प्रदेश डिजिटल की इंदौर कार्यालय में बतौर सीनियर सब-एडिटर कार्यरत हूं।

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