जबलपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के कर्मचारियों की छुट्टियां अचानक रद्द, पाक पर हमले की तैयारी ?

पहलगाम आतंकी हमले के बाद से भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति है। भारत सरकार ने चेतावनी दी है कि इस आतंकी हमले के दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी। चाहे वह कहीं भी छिपे हो। सीमा पर तनाव चरम पे है। भारत की सेना पूरी तरह से तैयार है। लेकिन इस बीच सूचना है कि जबलपुर के खमरिया स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में छुट्टियों को रद्द कर दिया गया है। जो भी कर्मचारी छुट्टी पर थे उन्हें बुला लिया गया है। 

इतना ही नहीं 1 मई को मजदूर दिवस के दिन जिस दिन छुट्टी होती है उस दिन भी यहां पे काम किया गया और देश के लिए गोला बारूद का निर्माण कराया गया। खमरिया के इस फैक्ट्री में गोला बारूद बनाने का काम तेज हो गया है। दिन रात कर्मचारी काम कर रहे हैं ताकि युद्ध की स्थिति में गोला बारूद की कमी ना हो। दरअसल जबलपुर के ऑर्डिनेंस फैक्ट्री खमरिया में विनाशकारी बमों को तैयार किया जाता है। पिछले दिनों तो यहां पर भारतीय सेना के लिए सबसे बड़ा और सबसे विनाशकारी बम तैयार किया गया था जिसका नाम जीपी बम है। इस बम को भारतीय वायुसेना के लिए तैयार किया गया। 1.9 मीटर लंबे और 500 कि.ग्र. के इस जीपी बम को Jaguar या सुखोई S 30 MK-1 में लगाकर दुश्मनों के बड़े-बड़े बंकरों को चुटकियों में खाख किया जा सकता है। जबलपुर के इस फैक्ट्री में रोजाना हजारों बमों का निर्माण होता। यहां पर हैंड ग्रेनेड भी बनाए जाते हैं।

आपको बता दें कि जबलपुर की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की स्थापना 1942 में द्वितीय विश्व युद्ध के समय की गई थी। आजादी के बाद 1962 में भारत चीन युद्ध 1965 और 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के लिए जल थल और वायु सेना के सभी हथियार और बाहरी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए ऑर्डिनेंस फैक्ट्री खमरिया का लगातार विस्तार कराया गया था। जब-जब भारतीय सेना को जरूरत पड़ी है, तब-तब ऑर्डिनेंस फैक्ट्री, खमरिया के हथियारों और वाहनों ने भारतीय जवानों के हौसलों को बुलंदी पर पहुंचाया है और इसके सहारे हमारे जवानों ने दुश्मन मुल्क को धूल चटा दिया। इस फैक्ट्री से दूसरे देशों को बम भी निर्यात होता है। पूरी दुनिया में इस फैक्ट्री का लोहा मान लिया है।

जबलपुर में चार अलग-अलग तरह की फैक्ट्रियां मौजूद हैं। यह फैक्ट्रियां भारतीय जल सेना, थल सेना और वायु सेना के लिए हथियार, बुलेट प्रूफ गाड़ियां और कई तरह के बम का निर्माण करती हैं। इन फैक्ट्रियों में बनाए गए गोला बारूद को दूसरे देशों में भी भेजा जाता है। क्योंकि यहां जो भी निर्माण होता है वह काफी हाई क्वालिटी का होता है। फिलहाल खमरिया फैक्ट्री के कर्मचारी काम पर लौट आए हैं और लगातार सेना को मजबूत बनाने के लिए हथियारों का निर्माण कर रहे हैं।

Nidhi Patel

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