इंदौर में बीजेपी नेता कपिल पाठक की पिटाई का एक वीडियो सामने आया है। यह वीडियो अस्पताल की तरफ से जारी किया गया है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि कपिल पाठक को अस्पताल के बाहर कुछ लोग पीट रहे हैं और पीटते हुए उन्हें अंदर लेकर जा रहे हैं। हालांकि इस दौरान कपिल पाठक घायल स्थिति में है। इस वीडियो में कपिल पाठक की पत्नी लगातार अपने पति को बचाने की गुहार लगा रही है।
अब इस वीडियो में जो नोटिस करने वाली बात है वो है चिंटू चौकसे। कपिल पाठक के अस्पताल में आने से पहले सफेद कुर्ते में चिंटू चौकसे वहीं खड़े हैं। जैसे ही गाड़ी आती है, चिंटू चौकसे कुछ इशारा करते हैं और उनके पास मौजूद शख्स आगे बढ़ जाता है। इस दौरान चिंटू चौकसे पीछे चले जाते हैं। लेकिन तभी अंदर से कुछ लोग निकलते हैं। उन्हें भी चिंटू चौकसे इशारा करते हुए आगे भेजते हैं। हालांकि इस पूरी मारपीट के दौरान कपिल पाठक की पत्नी गुहार लगाती रहती है, लेकिन उनके पति की पिटाई होती रहती है। यह गुंडागर्दी इंदौर में इस अस्पताल में काफी देर तक चलती है।

इस मामले में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी पहले ही सरकार को घेर चुके हैं। जीतू पटवारी आरोप लगा चुके हैं कि चिंटू चौकसे को फंसाया गया है। जबकि वह समझा रहे थे। लोकतंत्र की हत्या के कई प्रकार से होती हैं, उसमें सें ही एक प्रकार होता है कि पॉलिटिकल एजेंडा के रूप में विपक्ष के कार्यकर्ताओं को डराना, धमकाना, प्रशासन से अलग-अलग तरीके से यातनाएं देना, विपक्ष के नेताओं को बदनाम करना और लगातार अपने पापों को छुपाना।
हालांकि जो वीडियो सामने आया है उसमें चिंटू चौकसे किसी को समझाते हुए तो नजर नहीं आ रहे और जिस तरह के इशारे वह कर रहे हैं उसको देखकर आम इंसान भी समझ सकता है कि चिंटू चौकसे करना क्या चाहते हैं।
दरअसल इस झगड़े की शुरुआत शनिवार रात को हुई। सुखलिया में कपिल पाठक और नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे के परिजनों के बीच पानी के ट्रैक्टर हटाने को लेकर विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ा कि चिंटू चौकसे के परिवार के लोगों ने कपिल की खूब पिटाई कर दी। आरोपियों ने कपिल के घर के बाहर खड़ी उनकी गाड़ी में भी तोड़फोड़ कर दी जिसका वीडियो भी सामने आया था। इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज करते हुए नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे को गिरफ्तार कर लिया और जेल भेज दिया। जिसके बाद इंदौर की सियासत गरमा गई। जीतू पटवारी सीधे जेल पहुंचे और चिंटू चौकसे से मुलाकात करते हुए मोहन सरकार पर सवाल खड़े किए। कांग्रेस ने दावा किया कि घटना के वक्त चिंटू चौक से वहां पर मौजूद ही नहीं थे। लेकिन इस वीडियो ने कांग्रेस के दावों की पोल ही खोल दी है।