अडानी ग्रुप की सीमेंट कंपनी अंबूजा ने इतिहास रच लिया है। अंबूजा सीमेंट्स ने 100 मिलियन टन सालाना उत्पादन क्षमता को पार कर लिया है। यह एक आंकड़ा नहीं बल्कि एक बड़ा माइलस्टोन है। यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है। भारत की यह कंपनी ना सिर्फ घरेलू बाजार में बल्कि ग्लोबल मार्केट पर भी मजबूती से खड़ी है। और इस उपलब्धि के साथ यह दुनिया की नौवीं सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी बन गई है।
अब आते हैं कंपनी के चौथी तिमाही के नतीजों पर। मार्च तिमाही में कंपनी का प्रदर्शन मिलाजुला रहा है। कंपनी की आय सालाना आधार पर 11.19% बढ़कर 9889 रही जो बीते साल तीसरी तिमाही में ₹8894 करोड़ थी। मार्च तिमाही मुनाफा 15.71% गिरकर ₹182 करोड़ रहा। जो बीते साल मार्च तिमाही में ₹1521 करोड़ था। कामकाजी आय 9.94% बढ़कर ₹1868 करोड़ रही। जो बीते साल मार्च तिमाही में ₹1699 करोड़ थी। मार्जिन 19.1% से घटकर 18.9% रहे। कंपनी ने तिमाही नतीजों के साथ डिविडेंड का भी ऐलान किया है। कंपनी अपने निवेशकों को ₹2 प्रति शेयर का डिविडेंड देगी। कंपनी के बोर्ड ने डिविडेंड के भुगतान के लिए 13 जून 2025 की रिकॉर्ड डेट तय की है।
चौथी तिमाही में कंपनी के मार्जिन और मुनाफे पर दबाव रहा लेकिन कंपनी का आउटलुक मजबूत दिख रहा है। कंपनी ने बताया कि चौथी तिमाही में सीमेंट की मांग 6.5% से 7% बढ़ी है। चालू कारोबारी साल में भी 7 से 8% की ग्रोथ का अनुमान है। सरकार के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स रियलस्टेट और ग्रामीण मांग से कंपनी को आगे भी फायदा मिलने की उम्मीद है। कंपनी का 2026 तक 118 मिलियन टन की क्षमता और 2028 तक 140 मिलियन टन की क्षमता का लक्ष्य है। अंबूजा सीमेंट्स की डिमांड को पूरा करने के लिए तैयार है।
नतीजों के बाद Abuja सीमेंट के शेयर पर दबाव देखने को मिला। कंपनी का शेयर 2% गिरकर ₹535 पर बंद हुआ। मार्च तिमाही में कंपनी के मुनाफे और मार्जिन पर दबाव जरूर दिख रहा है। लेकिन कंपनी का आउटलुक मजबूत दिख रहा है।