30 अप्रैल को है वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि। तो क्यों इतनी खास है यह तिथि? इस तिथि को कहा जाता है अक्षय तृतीया। अगर हम सबसे पहले बात करें अक्षय के बारे में तो अक्षय का अर्थ होता है जिसकी क्षति ना हो सके। अगर हम तृतीया की बात करें तो तृतीया जो तिथि है उसकी स्वामिनी उसकी देवी हैं मां पार्वती और इस तिथि के जो स्वामी है वह भगवान कुबेर। तो इस दिन अक्षय मतलब जिस चीज की क्षति ना हो सके मां पार्वती की आराधना करिए भगवान कुबेर की आराधना करिए जिससे आपके जीवन में मां पार्वती की आराधना करने से आपको आरोग्य की प्राप्ति होती है रिलेशनशिप में कोई भी इश्यूज हैं तो वह भी दूर होते हैं।
भगवान कुबेर की आराधना करने से उनके मंत्रों का जप करने से अगर आपके जीवन में सुख समृद्धि की कमी है पैसे की कमी है तो वह भी दूर जरूर से होती है इसके अलावा यह दिन और क्यों महत्वपूर्ण है तो इसी दिन बद्रीनाथ के कपाट खुलते हैं दर्शन के लिए। वहीं वृंदावन में बांके बिहारी के चरण दर्शन भी इसी दिन किए जाते हैं। इसके अलावा अलग-अलग युग जैसे द्वापर युग त्रेता युग सतयुग की शुरुआत भी इसी दिन हुई थी। वहीं मां गंगा का अवतरण भी धरती पर इसी दिन हुआ था और इसके साथ ही श्री हरि विष्णु के छठे अवतार यानी कि भगवान परशुराम का अवतरण भी इसी दिन हुआ था।
इसीलिए यह दिन बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है। इस दिन आपको कुछ विशेष काम जरूर से करने चाहिए, क्योंकि कर्म हमारे बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं। आपको इस दिन किसी भी नए काम की शुरुआत अपने ग्रोथ के लिए जरूर से करनी चाहिए। आपको मां लक्ष्मी के मंत्रों का जप, मां पार्वती की आराधना, भगवान कुबेर की आराधना, इस दिन जरूर करना चाहिए। जप तप और ध्यान तीनों ही चीज का अपना ही महत्व है।
इसके साथ ही आप कोई नया काम शुरू कर सकते हैं। नया बिजनेस शुरू कर सकते हैं या कोई नई इन्वेस्टमेंट शुरू कर सकते हैं। अक्षय तृतीया का दिन हाउस वार्मिंग के लिए भी बहुत ही अच्छा दिन है। आप अगर नया घर खरीदना चाहते हैं तो यह बहुत ही शुभ दिन है। कोई
अगर हम बात करें कि इस दिन और किन चीजों का महत्व है और कौन सी चीजें जरूर करनी चाहिए। तो आपको कोशिश करनी चाहिए इस दिन आपको कि आप किसी को भी दुख ना पहुंचाएं, नुकसान ना पहुंचाएं। आपके किसी भी कर्म किसी भी व्यवहार से किसी को तकलीफ ना हो। क्योंकि अगर किसी को कोई तकलीफ या जो भी कर्म आपने किए हैं जिसकी वजह से किसी को दुख हुआ है, तो वह भी अक्षय ही रहेगा मतलब उसका कोई पश्चाताप नहीं है।
इसके अलावा आपको इस दिन दान जरूर से करना चाहिए जिससे आपके पुण्य फलों में बढ़ोतरी होगी। इस दिन किया गया दान अक्षय तृतीया के दिन जो किया गया दान है उसकी कोई भी क्षति नहीं होगी तो इसलिए दान जरूर करना चाहिए। वहीं अगर आपको लगता है कि आपके पितृ अतृप्त हैं तो इस दिन पितरों के निमित्त तर्पण आपको जरूर करना चाहिए। जिससे आपके पितरों को भी मुक्ति मिल सके। और उनका आशीर्वाद भी आपको जरूर से प्राप्त हो। तो इस दिन आप अपने पितरों के निमित्त तर्पण जरूर से करें।