जबलपुर में जमीन जायदाद अपने नाम करने के बाद 95 साल की मां को मरने के लिए छोड़ दिया

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By Paridhi Sharma

जिंदगी की आखिरी पड़ाव पर मौजूद रामरती देवी को लेकर कलेक्टर के पास एक पत्र भेजा गया था। पत्र में लिखा गया था कि रामरती देवी का पुत्र अपनी 95 साल की मां को छत पर बेसहारा छोड़ दिया है। जबलपुर कलेक्टर ने पत्र को गंभीरता से लिया और तत्काल एक टीम को वहां पर भेजा गया तहसीलदार के नेतृत्व में गोहलपुर थाने की पुलिस उस घर में पहुंची और देखा कि बुजुर्ग महिला छत पर ही बैठी थी। फिर इस मामले को लेकर पुलिस ने छानबीन शुरू की जिसके बाद पुलिस ने मामले की पूरी सच्चाई मीडिया को बताई। 

टी आई प्रतीक्षा मार्को ने बताया कि “पुलिस ने यह पाया कि यह रामरति गुप्ता महिला जो है 95 साल की हैं और यह सतना की रहने वाली हैं और अभी अपने बेटे के पास में बेटा नाती पोतों के साथ में यहां रह रही हैं। आसपास के लोगों से मोहल्ले से बात की गई है तो उन्होंने बताया कि महिला बहुत उम्रदराज है और उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और वो आए दिन घर से बाहर भागती हैं उन्हें बाहर की खुले वातावरण में रहने की आदत है इस कारण से वो बाहर भागती हैं”

जानकारी के अनुसार नंदन विहार में गुप्ता परिवार का घर है घर के मुखिया की वृद्ध मां सहित पत्नी और बच्चे भी साथ ही रहते हैं कुछ महीने पहले तक सब कुछ ठीक चल रहा था इसके बाद बेटे ने मां से जमीन जायदाद अपने नाम करवा ली आरोप लगा कि जायदाद के नाम पर होते ही बेटे ने मां को खुली छत पर एक पुरानी खाट देकर शिफ्ट कर दिया पहले वृद्धा को भूख प्यास लगती तो वह नीचे घर के अंदर आ जाती थी जिससे परेशान होकर उन्होंने सीढ़ियों पर दरवाजा लगा दिया। 

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार वृद्धा को बांसी रोटी, खराब बर्तनों में पानी दिया जाता था छांव के नाम पर एक पन्नी लगाई गई थी। फिलहाल पुलिस ने इस बुजुर्ग महिला के बेटे और बहू को चेतावनी दी है। और हिदायत दी है कि अगर बुजुर्ग महिला को कोई परेशानी हुई तो कड़ी कारवाई की जाएगी।

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मैंने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रही हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखती हूं।