इंदौर : दो साल से जम्मू- कश्मीर का पर्यटन अच्छी कमाई कर रहा था। इंदौर के ट्रेवल एजेंटों की मानें तो होटल में सौ फीसद बुकिंग है। इंदौर के सैकड़ों लोग श्रीनगर और कश्मीर के दूसरे हिस्सों में मौजूद हैं, लेकिन जैसे ही पहलगाम हमले की खबर आई, दो महीने की सैकड़ों बुकिंग महज कुछ मिनटों में रद कर दी गई।

अप्रैल, मई और जून कश्मीर में पर्यटन के लिए सबसे अच्छा वक्त माना जाता है। उत्तरांचल हिमाचल के अलावा सबसे ज्यादा जम्मू-कश्मीर ही जाते हैं। ट्रेवल एजेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष हेमेंद्र सिंह जादौन के मुताबिक पिछले दो साल में श्रीनगर जाने वालों की तादाद हजारों में हो गई थी। इस साल बंपर बुकिंग हुई थीं। लगा था कि 70 के दशक के बाद दोबारा कश्मीर का टूरिज्म दम पकड़ लेगा।
कल के हमले के कारण लोग बुकिंग रद करवा रहे हैं। इंदौर और आसपास के जो लोग वहां मौजूद हैं, उन्हें जल्दी घर आना है। दो-तीन दिन भी कश्मीर में नहीं रुकना चाहते। ट्रेन में भी वापसी की टिकट मिलना मुश्किल है।
बीते दिनों सेफ कश्मीर टूरिज्म की मुहिम चलाई गई थी, देशभर के ट्रेवल एजेंटों ने साथ दिया था। कश्मीर के पैकेज बिकने लगे थे। जो लोग अभी श्रीनगर में हैं, महंगी उड़ान का टिकट खरीद लौटना चाहते हैं। कुछ को समझाया भी कि एक-दो दिन रुक कर आएंगे तो पैसा बच जाएगा, लेकिन मानने को तैयार नहीं हैं। श्रीनगर से कनेक्टिंग उड़ान में इंदौर आने के लिए टिकट साढ़े बारह हजार रुपए का है। कल की सभी उड़ानें रद कर दी हैं। लोग यह तक कह रहे हैं- बस, श्रीनगर से बाहर निकाल दो। चाहे तो मुंबई या दिल्ली तक का ही टिकट करवा दो।
ट्रेवल एजेंट प्रकाश मोटवानी का कहना है कि इस साल सबसे ज्यादा पैकेज कश्मीर के ही बेचे हैं। पिछले साल के मुकाबले इस बार दोगुना धंधा हुआ था। चार लोगों के लिए डेढ़ से दो लाख रुपए तक का पैकेज तैयार किया था। उम्मीद नहीं है कि दो-तीन साल कोई कश्मीर के लिए पूछने भी आएगा। दो महीने बाद अमरनाथ यात्रा शुरू होना है। उसके लिए भी हजारों बुकिंग हो चुकी हैं। कल से ही फोन बज रहा है। कह रहे हैं कि बुकिंग रद कर दो।